शव्दो आधारित विज्ञापन : गूगल कंटेंट और लिंक एड सेंस (Google Ad 1)

कंटेंट एड मूलत: शव्‍द आधारित विज्ञापन है जो समय समय पर चित्र एवं शव्‍दों का विकल्‍प चुननेपर चित्र रूप में भी प्रस्‍तुत होते हैं । कंटेंट एड को क्लिक करने पर क्लिकर सीधे विज्ञापनदाता के वेबसाइट या पेज तक पहुंचता है । यदि आप इसमें सिर्फ शव्‍दों का विकल्‍प चुनना चाहते हैं तो ऐसा विकल्‍प भी वहां मौजूद है । मेरा मानना है कि यहां सिर्फ शव्‍द आधारित विकल्‍प ही चुने क्‍योंकि चित्र आधारित विकल्‍प के लिए गूगल बाबा नें विशेष रूप से रिफरल एवं वीडिओ एड बनाया है जिसके संबंध में हम बाद में चर्चा करेंगें । इसके अतिरिक्‍त कंटेंट एड में पांच विज्ञापन तक के विकल्‍प मौजूद हैं यानी क्लिक होने की संभावनाओं की संख्‍या में वृद्धि । यहां अर्न मनी पर क्लिक के द्वारा बूंद बूद से आपका घडा भरना आरंभ होगा ।

लिंक एड गूगल सर्च के विभिन्‍न खोज परिणामों तक पहुचाता है जहां एक विंडो में एक विषय के कई वेब साईट या पेज की जानकारी दी गई होती है जिसे क्लिक करने पर विज्ञापन प्रदाता के वांछित विषय तक पहुचा जाता है ।

इन दोनों एड के लिए जो महत्‍वपूर्ण सूत्र है वह है ‘चैनल’ । अपने द्वारा इच्छित विषय के विज्ञापन प्राप्‍त करने के लिए चैनल का चयन करना पडता है । चैनल के निर्माण के लिए गूगल एड सेंस में विकल्‍प मौजूद है आप मैनेज चैनल से चैनल मैनेज कर सकते हैं एवं नये प्रभावी चैनल का निर्माण भी कर सकते हैं । चैनल छोटे शव्‍दों में मूल विषय हो तो ज्‍यादा अच्‍छा या फिर छोटे शव्‍द समूह जैसे आनलाईल पैसा कमायें, पार्ट टाईम जाब का चैनल बना सकते हैं । अभी गूगल के पास हिन्‍दी के विज्ञापन नहीं के बराबर है इस कारण हमें चैनल अंग्रेजी में ही बनाने पड रहे हैं । हिन्‍दी में मैनें छत्‍तीसगढ का चैनल बनाया है पर उससे संबंधित विज्ञापन नहीं होने के कारण छत्‍तीसगढ शव्‍द से संबंधित विज्ञापन कम ही आते हैं अत: अपने विवेककानुसार सहीं शव्‍दों का चैनल निर्माण करें । एक विज्ञापन में गूगल बाबा 5 चैनलों तक चयन विकल्‍प प्रदान करता है फिर इन्‍ही चैनलों से संबंधित गूगल में उपलब्‍ध विज्ञापन आपके ब्‍लाग पर प्रदर्शित होगा । यहां यह स्‍पष्‍ट करना आवश्‍यक है कि आप अपने चैनल का चयन अपने ब्‍लाग से संबंधित विषय का करें तब पाठक को उस विज्ञापन में रूचि जगेगी । दूसरा चयन का आधार सर्च में आपके ब्‍लाग की विषय वस्‍तु । इसके लिए सबसे कारगर उपाय है अपने हिट कांउटर से यह पता लगावें कि सर्च इंजन के द्वारा आपके ब्‍लाग में पाठक किस शव्‍द को खोजते ज्‍यादा आते है, वही शव्‍द आपका अर्निंग चैनल है ।

विज्ञापन लगाने का अपना अपना नजरिया है, आपका विज्ञापन वही देखेगा या क्लिक करेगा जो आपका पाठक है या सर्च के द्वारा आपके ब्‍लाग तक आता है । आपके पाठक कौन हैं एवं सर्च के द्वारा किस प्रकार के पाठक आपके ब्‍लाग तक आते हैं इससे आप अपने ब्‍लाग की विषय सामाग्री तय कर सकते हैं एवं इसी से संबंधित विज्ञापन भी । यह आपको स्‍वयं समझना पडेगा, आपके आफ्रीका में हिन्‍दी पाठक हैं और आप आफ्रीका को टारगेट करते हुए आफ्रीकन मेट्रोमोनीयल एड अपने ब्‍लाग में लगायेंगें तो भी आपका विज्ञापन क्लिक नहीं होगा वहां इंडियन मेट्रोमोनियल एड ही क्लिक होगा ।

क्रमश:

यह समस्‍त जानकारी गूगल एड सेंस की सामान्‍य जानकारी है । मुझे इसमें कोई महारत हासिल नहीं है ना ही मुझे कोई उल्‍लेखनीय कमाई एड सेंसों से हो रही है किन्‍तु पाठकों के व्‍यक्तिगत मेलों का जवाब न देकर मैं इसे पोस्‍ट रूप में प्रस्‍तुत कर रहा हूं । यदि आप गलतियों को टिप्‍पणी के द्वारा बतलायेंगें तो पाठकों को भी सुविधा होगी ।

संजीव तिवारी

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छत्‍तीसगढ़ में शिवनाथ नदी के किनारे बसे एक छोटे से गॉंव में जन्‍म, उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर तक की पढ़ाई गॉंव से सात किलोमीटर दूर सिमगा में, बेमेतरा से 1986 में वाणिज्‍य स्‍नातक एवं दुर्ग से 1988 में वाणिज्‍य स्‍नातकोत्‍तर. प्रबंधन में डिप्‍लोमा एवं विधि स्‍नातक, हिन्‍दी में स्‍नातकोत्‍तर की पढ़ाई स्‍टील सिटी में निजी क्षेत्रों में रोजगार करते हुए अनायास हुई. अब पेशे से विधिक सलाहकार हूँ. व्‍यक्तित्‍व से ठेठ छत्‍तीसगढि़या, देश-प्रदेश की वर्तमान व्‍यवस्‍था से लगभग असंतुष्‍ट, मंच और माईक से भकुवा जाने में माहिर.

गॉंव में नदी, खेत, बगीचा, गुड़ी और खलिहानों में धमाचौकड़ी के साथ ही खदर के कुरिया में, कंडिल की रौशनी में सारिका और हंस से मेरी मॉं नें साक्षात्‍कार कराया. तब से लेखन के क्षेत्र में जो साहित्‍य के रूप में प्रतिष्ठित है उन हर्फों को पढ़नें में रूचि है. पढ़ते पढ़ते कुछ लिखना भी हो जाता है, गूगल बाबा की किरपा से 2007 से तथाकथित रूप से ब्‍लॉगर हैं जिसे साधने का प्रयास है यह ...